●●●●●●●▬▬▬▬▬▬ஜ۩धर्मशाला۩ஜ▬▬▬▬▬●●●●●●●●●●
बाबा
घुइसरनाथ धाम अवध क्षेत्र का प्रमुख तीर्थ स्थल है अत: धाम वातावरण
हमेशा भक्तिमय और श्रद्धालुओं से भरा रहता है | यातायात की विकसित
सुविधा होने से भक्तगण आराम से दर्शन कर घर को प्रस्थान कर जाते हैं |
परन्तु सुदूर क्षेत्र के श्रद्धालुओं के रुकने व आराम करने के लिए भारी
तादात में बरामदे व कुछ धर्मशालाएं बनी हुई है ,जिनमे ठहरने का कोई शुल्क
नहीं लिया जाता | धर्मशाला के संचलान एवं देखरेख का कार्य मंदिर प्रसाशन देखते हैं | श्रद्धालुओं के भोजन से लेकर उनके पूजन
अर्चन तक की व्यवस्था प्रसाशन ही प्रबंधित करते हैं | किसी भी प्रकार की
सहायता के लिए घुइसरनाथ धाम के वासी हमेशा तत्पर रहते हैं |
किसी भी प्रकार की धर्मशाला सहायता के लिए आप मंदिर प्रसाशन से संपर्क कर सकते हैं |
●●●●●●●●▬▬▬▬▬▬ஜ۩ गंगा सरोवर ۩ஜ▬▬▬▬▬●●●●●●●●●●
बाबा घुइसरनाथ धाम में बाबा श्री घुश्मेश्वर के जलाभिषेक के लिए बाबा भोले की जटा में विराजित माँ गंगा के जल सेस्नानित करने के लिए गंगा सरोवर का निर्माण कराया गया है | हर सोमवार को सुबह गंगा सरोवर को गंगा जल से भरा जाता है और भक्त इस जल से श्री घुश्मेश्वर जी का जलाभिषेक करते है | यह सुविधा साल के १२ महीने भक्तो के लिए उपलब्ध रहती है |
गंगा सागर का निर्माण सन् २००० में किया गया जिससे बाबा घुइसरनाथ धाम कि सुंदरता और भी बढ़ गयी |

गंगा सागर का निर्माण सन् २००० में किया गया जिससे बाबा घुइसरनाथ धाम कि सुंदरता और भी बढ़ गयी |
●●●●●●●▬▬▬▬▬▬ஜ۩ शिवालय सरोवर ۩ஜ▬▬▬▬▬●●●●●●●●●●
भगवान घुश्मेश्वर का पवित्र धाम, घुइसरनाथ धाम सई नदी के किनारे स्थित है | पूर्वजो के अनुसार सई नदी का जल निर्मल, स्वक्छ और मीठा था | लेकिन विज्ञानं के इस दौर में, मिलो के बहते पानी की वजह से नदियों का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है | सई नदी का पावन जल, रायबरेली में स्थित मिलो के प्रदूषित जल से गंदा हो रहा है |भगवान घुश्मेश्वर को जल चढाने से पहले भक्तो को सई नदी के दूषित जल में स्नान करना पड़ता था | पर्यटन विभाग ने इस समस्या का निराकरण बाबा घुइसरनाथ धाम में सरोवर को निर्मित करके किया | आज भक्तो हेतु जलाभिषेक से पूर्व नहाने के लिए सरोवर के स्वक्छ जल की सुविधा उपलब्ध है |
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