2 Aug 2011

महाशिवरात्रि पर पावन नगरी घुइसरनाथ धाम -2013

महाशिवरात्रि पर पावन नगरी बेल्हा (प्रतापगढ़) के पांचों धाम(बेलखरनाथ धाम , भयहरणनाथ धाम , बालेश्वरनाथ धाम , घुश्मेश्वरनाथ धाम और हौदेश्वरनाथ धाम) पर अनगिनत संख्या में शिवभक्त जलाभिषेक करते हैं । वैसे तो पूजन-अनुष्ठान का सिलसिला सुबह से शुरू होकर यह दिन भर चलता है , लेकिन सूर्योदय से पहले और प्रदोष काल के गोधूलि बेला में जलाभिषेक का खास महत्व होता है|
 फागुन की शिवरात्रि विशेषा | सब पूजहि जुही सविधि महेशा || 
अति दयालु भोले भण्डारी | शिव भोला दीनन हितकारी ||
                                                          हाशिवरात्रि २०१3 फोटो 


धाम में रात्रि से ही भगवान घुश्मेश्वर जी का दर्शन और उनका जलाभिषेक करने के लिए भक्त आने शुरू हो जातें हैं और सुबह तक मंदिर का फाटक खुलने का इन्तजार करते हैं फिर सर्वप्रथम घुश्मेश्वर भगवान प्रिय पुजारी श्री भाल गिरी जी घुइसरनाथ जी पर प्रथम पूजन-अर्चन और जलाभिषेक करते हैं |इसके बाद भगवान के दर्शन और जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक का सिलसिला शुरू होता है जो अगले दो दिन तक थमने का नाम नहीं लेता है| लाखों करोड़ो भक्त बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आनुशासित तरीके से “बोल-बम के जयकारे - ओम नमः शिवाय,बोल बम का नारा है, बाबा तेरा सहारा है,बोलो घुइसरनाथ के बाबा की जय,हर हर महादेव” का जयकारा करते हुए भगवान घुश्मेश्वर जी का दर्शन और जलाभिषेक करते हैं |भीड़ इतनी होती है की प्रशासन के पसीने छोट जातें हैं |


बाबा घुश्मेश्वर जी का जलाभिषेक के दौरान किसी तरह का व्यवधान न आए इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। बाबा धाम पर श्रद्धालू श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पीएसी बल व पुलिस बल तैनात किया जाता है। सबसे बड़ी सुविधा तो वंहा के निवासियों द्वारा प्रदान की जाती है |जिन्होंने भक्तो की सेवा के लिए  समूह गठित किया है जो पुलिस प्रसाशन के साथ मिल कर अनुसाशित ढंग से भक्तों को हर तरह की परेशानी से बचाते हैं | सुविधा पूर्वक दर्शन एवं जलाभिषेक करने के लिए बैरीकेडिंग भी की जाती है।

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